SFI के गुंडों के द्वारा राजकीय कन्या महाविद्यालय में छात्राओं पर जानलेवा हमला : करने पर अ. भा. वि. प. ने जताया रोष
अभाविप ने महिला सुरक्षा को लेकर मांगा सरकार से जवाब
शिमला; बीते कल राजकीय कन्या महाविद्यालय शिमला में एक बार फिर छात्र गुटों में हिंसा हुई। कहने को तो यह कन्या महाविद्यालय है लेकिन आज यहां एसएफआई के गुंडों के द्वारा कन्या महाविद्यालय की छात्राओं पर जानलेवा हमला किया गया।
वैसे तो प्रदेश सरकार और प्रदेश प्रशासन सुदृढ़ कानून व्यवस्था की जगह जगह होडिंग लगा कर सुदृढ़ कानून व्यवस्था की बड़ी बड़ी बातें करती हैं* परंतु आज हम देखते हैं की छात्राओं पर लडकों द्वारा किए हमले को 24 घंटे होने को आए हैं परंतु सरकार द्वारा इस विषय पर कोई उचित प्रतिक्रिया नहीं की गई है.
शिमला पुलिस प्रशासन सुदृढ़ कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा की बड़े बड़े दावे करती है, लेकिन इनकी पोल तो तब खुली जब दिन दिहाड़े हाथों में डंडे, रोड़, दराट लिए एसएफआई के बाहरी गुंडे नशे में धुत होकर कन्या महाविद्यालय में घुसकर छात्राओं से छेड़छाड़ करते हैं, गालिग्लोज करते हैं और उन पर जानलेवा हमला करते हैं। यही नहीं एसएफआई के गुंडों द्वारा कुछ छात्राओं को दो तीन किलोमीटर तक रोड़ों और डंडों से मारते हुए पीछा किया गया। इस सब से पूरे महाविद्यालय में तनाव का माहोल है और कुछ छात्राएं अभी भी आईजीएमसी में भर्ती हैं। हैरानी की बात है की वहां पढ़ रही एसएफआई की छात्रा कार्यकर्ता भी रोड और डंडों से महाविद्यालय की छात्राओं पर हमला करती रहीं।
घटनास्थल पर मौजूद अ भा वि प की प्रांत कार्यकारणी सदस्य पर्वी बस्टा ने आज डीसी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन में अपने वक्तव्य में बताया की पिछले कल दोपहर कॉलेज में कुछ छात्रा कार्यकर्त्ता कॉलेज गेट के पास मोमोज खा रहीं थी कि इसी बीच कुछ एसएफआई के आउटसाइडर्स छात्र कार्यकर्ता शराब के नशे में छात्रा कार्यकर्ताओं के साथ वहां पर आते हैं और वहां आम छात्राओं के साथ छेड़ छाड़, आंख मरना और अभद्र इशारे करना शुरू करते हैं और फिर छूने की कोशिश करते हैं , जब छात्राओं ने इसका विरोध किया तो उन्होंने दराट, रोड़ व डंडो से उन छात्राओं पर हमला कर दिया। इस हमले में तकरीबन एक दर्जन छात्राओं को गंभीर चोट आई पर्वी ने कहा कि एसएफआई को कन्या महाविद्यालय एवं देश प्रदेश में बैन किया जाए और आउटसाइडर्स गुंडों पर भी कड़ी कानूनी कार्यवाही हो।
प्रदेश मंत्री आकाश नेगी ने भी धरना प्रदर्शन में वक्तव्य रखते हुए कहा कि हम आए दिन देखते हैं की जब जब प्रदेश में विधार्थी परिषद का काम बढ़ता है इसी बोखलाहट में एसएफआई इस तरह के हथकंडे अपनाती है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों परिषद के *श्यामला युवा महाकुंभ* जिला समेलन में आरकेएमवी के लगभग 400 छात्राऐं ने भाग लिया इसी कारण से देशविरोधी एवं महिला विरोधी एसएफआई ने हमारे कार्यकर्ताओं पर हमला किया है। उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि एसएफआई को प्रदेश में बैन किया जाए। एसएफआई इकलौता ऐसा छात्र संगठन है जो आए दिन शिक्षण संस्थानों में माहोल खराब करने का काम करती है। इस लिए ऐसे संगठन को प्रदेश में बैन करना चाहिए।
यह घटना शिमला में महिला सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़ा करता है ,जब दिन के उजाले में भी छात्राएं सुरक्षित नहीं हैं। इस घटना के बाद महाविद्यालय की छात्राएं सहमी हुई हैं और तनाव में भी है.