शिमला :- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री बयान जारी करते हुए कहा है कि सिरमौर जिला के नाहन में माता बाला सुंदरी लीगल स्टडीज महाविद्यालय में 2014 से वहां पर बिना स्टाफ के एलएलबी की डिग्रियां बेची जा रही है। वहां पर केवल शिक्षा को बेचने का काम किया जा रहा है। बिना अध्यापकों के ना वहां पर कोई पढ़ाई होती है, फिर भी इसके बावजूद वहां पर लगातार डिग्रियां बेचने का काम वहां के प्रशासन द्वारा किया जा रहा है।
जब इस हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे से राज्य में लगातार निजी महाविद्यालय व विश्वविद्यालय खोले जा रहे थे ,तो विद्यार्थी परिषद ने इसका पुरजोर विरोध किया था , कि छोटे से प्रदेश में इतने निजी महाविद्यालय व विश्वविद्यालय खोलने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह सिर्फ एक शिक्षा का व्यापार मात्र बनकर रह जाएगा। और आज हम देखते हैं तो हिमाचल प्रदेश के अनेकों निजी विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में शिक्षा का व्यापारीकरण किया जा रहा है।
ऐसा ही एक मामला माता बाला सुंदरी महाविद्यालय नाहन का आया है वहां पर वर्ष 2014 के बाद एक भी स्टाफ नहीं है और वहां पर एलएलबी की डिग्रीयां 2014 के बाद लगातार बेची जा रही है। उस महाविद्यालय में जिस भी विश्वविद्यालय विधि के अध्यापक वहां जाकर होटलों में बैठकर वह पैसा लेकर विद्यार्थियों का viva लेते हैं और उन्हें डिग्रियां बेचने का काम करते हैं। इतने सालों से वहां पर डिग्रीयां बेचने का धंधा चलाया हुआ है।नियामक आयोग व प्रशासन भी इस मामले को लेकर गहरी नींद में सोया हुआ है। वर्ष 2014 के बाद आज दिन तक पता नहीं कितने ही लाखों करोड़ों का घोटाला किया जा चुका है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि उस महाविद्यालय फर्जी डिग्रियां बेचने में संलिप्त व जो अध्यापक वहां पर जाकर viva लेते थे उन पर विजिलेंस की जांच की जाए। व दोषियों पर एफ आई आर करके कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए।